Thursday, May 29, 2025

अवैध रिश्ते का खौफनाक अंजाम: पति की गला दबाकर ह*, बनाया आत्म*त्या का ड्रामा!

🩸अवैध रिश्ते का खौफनाक अंजाम: पति की गला दबाकर ह*, बनाया आत्म*त्या का ड्रामा! 




📍 स्थान: अमलिया गांव, फलासिया थाना क्षेत्र, राजस्थान
✍️ लेखक: Sushant Patil Storyteller

Disclaimer : इस ब्लॉग में इस्तेमाल की गयी सारी फोटो हमारी खुद की बनायी हुई और खुद के फेसबुक पेज "Sushant Patil Storyteller" व्हिडिओस से लिये है जिनके लिंक ऊपर दिये हैं...!

❓क्या हुआ?

एक सीधी-सादी शादीशुदा ज़िंदगी का अंत तब हो गया जब प्यार के नाम पर चल रहा एक अवैध रिश्ता खून में बदल गया। एक पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही पति की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद इसे आत्महत्या का रूप देने की नाकाम कोशिश की गई।


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📅 कब हुआ?

यह सनसनीखेज वारदात हाल ही में फलासिया थाना क्षेत्र के अमलिया गांव में सामने आई। जब गांव वालों ने एक युवक की लाश लटकी हुई देखी, तो पहले सबको यही लगा कि उसने खुदकुशी की है। लेकिन सच्चाई इससे कहीं ज्यादा डरावनी थी।


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📍 कहां हुआ?

राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र अमलिया गांव में यह वारदात घटी, जो कि फलासिया पुलिस थाने के अंतर्गत आता है। एक शांत और छोटा गांव अचानक हत्या की सनसनी से दहल उठा।


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👥 किसने किया?

पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक की पत्नी का गांव के ही एक युवक से प्रेम संबंध था। दोनों ने मिलकर युवक की गला दबाकर हत्या की और फिर उसे फांसी पर लटका दिया, ताकि लगे कि यह आत्महत्या है।


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🔍 कैसे पता चला?

पुलिस को शुरू से ही मामला संदिग्ध लगा।
👉 फोन कॉल डिटेल्स,
👉 महिला और प्रेमी के बयानों में विरोधाभास,
👉 और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने सच्चाई सामने ला दी।
आखिरकार पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।


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❓क्यों किया?

हत्या के पीछे की वजह थी –
✔️ अवैध प्रेम संबंध,
✔️ और पति का इन रिश्तों में बाधा बनना।
महिला और उसका प्रेमी चाहते थे कि पति रास्ते से हट जाए — और उन्होंने मिलकर उसे मार डाला।


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💔 अगर ऐसा न होता तो?

अगर समय रहते सच उजागर हो जाता, या रिश्तों में पारदर्शिता होती, तो शायद एक निर्दोष व्यक्ति की जान न जाती। यह घटना हमें सिखाती है कि झूठे रिश्ते और छुपे हुए इरादे, एक दिन खतरनाक मोड़ ले सकते हैं।


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📌 निष्कर्ष:

अवैध रिश्ते में बंधी भावनाओं ने एक परिवार को तोड़ दिया।
विश्वास की हत्या ने एक घर को उजाड़ दिया।
यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि उस भरोसे की मौत थी, जो शादी जैसे रिश्ते की नींव होता है।


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📖 लेखक: Sushant Patil Storyteller
📲 असली कहानियां, सच्चे किरदार, और खौफनाक अपराध – हर हफ्ते पढ़ते रहिए।

ममता का कत्ल: एक माँ, एक प्रेमी और एक मासूम की

ममता का कत्ल: एक माँ, एक प्रेमी और एक मासूम की


 अधूरी कहानी Author: Sushant Patil Storyteller

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कभी मां की गोद में महफूज़ था, वही मासूम बेटा आज मिट्टी में मिल चुका है। यह कहानी है उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की, जहाँ एक माँ ने अपने ही 3.5 साल के बेटे को प्रेम की अंधी दौड़ में अपनी राह का कांटा समझ लिया… और उसे सदा के लिए खामोश कर दिया।

क्या हुआ?

घटना कानपुर के प्रतापपुर गाँव की है। 32 वर्षीय मनीषा यादव नाम की महिला ने अपने ही बेटे अनिरुद्ध की हत्या कर दी। उसने ताबीज की डोरी से गला घोंटकर उस मासूम की सांसें छीन लीं। यह हत्या किसी पल भर के गुस्से का नतीजा नहीं थी, बल्कि एक सुनियोजित अपराध था — जहां ममता, मोह और मोहब्बत की सीमाएं लांघ दी गईं।

कब और कहाँ हुआ?

यह दिल दहला देने वाली घटना मई 2025 के अंतिम सप्ताह में हुई। प्रतापपुर गाँव, कानपुर — जो आमतौर पर शांति और ग्रामीण जीवन के लिए जाना जाता है — उस दिन एक जघन्य अपराध का गवाह बन गया।

कौन थे इसमें शामिल?

  • मनीषा यादव: आरोपी महिला, जो माँ भी थी।
  • अनिरुद्ध: मनीषा का 3.5 वर्षीय मासूम बेटा, जिसे निर्ममता से मार दिया गया।
  • सुशील यादव: मनीषा का पति, जिसने बेटे का शव घर लौटने के बाद देखा।
  • विकास: मनीषा का प्रेमी, जो अब फरार है।

कैसे हुआ?

मनीषा अपने प्रेमी विकास के साथ घर छोड़कर भाग गई थी, और कुछ समय बाद पति सुशील के कहने पर वापस लौट आई। लेकिन घर लौटने के बाद भी मनीषा का व्यवहार सामान्य नहीं था।

हत्या वाली रात, मनीषा ने अपने बेटे को सोते वक्त ताबीज की डोरी से गला घोंट दिया। हत्या के बाद, उसने बेटे के शव को छत पर सुला दिया, जहाँ दादा पहले से सो रहे थे।

क्यों हुआ?

पुलिस जांच और पारिवारिक बयानों के मुताबिक, मनीषा अपने प्रेमी विकास के साथ नए जीवन की शुरुआत करना चाहती थी। लेकिन उसका बेटा उसे इस रिश्ते में बाधा लग रहा था। यही वजह रही कि उसने मां जैसे पवित्र रिश्ते को कलंकित कर दिया।

इसके अलावा, परिवार ने बताया कि मनीषा के दो अन्य बच्चों की पहले भी रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो चुकी है, जिन्हें उसने ठंड लगना बताया था। अब पुलिस इन दोनों मौतों की भी जांच कर रही है।

अब क्या?

पुलिस ने मनीषा को गिरफ्तार कर लिया है और विकास की तलाश जारी है। इस घटना के बाद क्षेत्र में मातम पसरा है और लोग स्तब्ध हैं कि कोई माँ ऐसा कैसे कर सकती है।

अगर…

अगर उस मासूम के लिए समय रहते कोई खड़ा हुआ होता, अगर मां को समझाने वाला कोई होता… तो शायद एक नन्हीं जान बच जाती। यह सिर्फ हत्या नहीं, एक समाजिक और नैतिक गिरावट की दास्तान है।


लेखक: Sushant Patil
(Storyteller, सामाजिक और अपराध कहानियों का संवेदनशील दस्तावेजकर्ता)

नोट: यह कहानी सत्य घटना पर आधारित है। कृपया इसे एक चेतावनी की तरह पढ़ें कि प्रेम, रिश्ते और ज़िम्मेदारी के बीच संतुलन खोना कितनी बड़ी त्रासदी ला सकता है।

Wednesday, May 28, 2025

"जब एक पति टूट गया: खौफनाक साजिश और आत्म*त्या की सच्ची कहानी"

"जब एक पति टूट गया: खौफनाक साजिश और आत्म*त्या की सच्ची कहानी"
Writer : Sushant Patil Storyteller

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📍 स्थान:

अतर्रा, जिला बांदा, उत्तर प्रदेश
तारीख: मई 2024


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✍️ ब्लॉग लेख:

एक शांत स्वभाव का पति, एक साधारण ज़िंदगी, और फिर एक दिन ऐसा आया जब सब खत्म हो गया।

23 वर्षीय जितेंद्र कुमार प्रजापति अपने छोटे से परिवार के साथ खुशी से रह रहा था — पत्नी गौरा (20 वर्ष) और 3 महीने का मासूम बेटा। मगर अचानक एक ऐसी घटना घटी जिसने सबको हिला कर रख दिया।

एक दिन, जितेंद्र ने पहले अपनी पत्नी और फिर अपने बच्चे की हत्या की। इसके बाद उसने खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

लेकिन क्यों...?

इस "क्यों" का जवाब हमें जितेंद्र के उस सुसाइड नोट में मिला जो उसने मरने से पहले अपने परिवार के व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजा था। उस नोट में जितेंद्र ने लिखा:

> "मेरी पत्नी और उसके परिवार वाले मुझे और मेरे परिवार को उसकी छोटी बहन के गायब होने के मामले में झूठे बलात्कार या छेड़छाड़ के केस में फँसाने की धमकी दे रहे थे। मैं यह सब नहीं सह सका।"




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💔 जब झूठे आरोप जानलेवा बन जाएं

जितेंद्र ने आगे लिखा कि वो अपने पूरे परिवार को बर्बाद होते नहीं देख सकता, इसलिए वह यह कदम उठा रहा है।

कितनी दर्दनाक बात है...
एक इंसान, जिसे जीना था, लड़ना था, आगे बढ़ना था — उसे मरने का रास्ता चुनना पड़ा, सिर्फ इसलिए क्योंकि सिस्टम में उसे कोई भरोसा नहीं था कि उसे न्याय मिलेगा।


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⚖️ खटासभरे रिश्ते, झूठे मुकदमे और एकतरफा कानून

आज समाज में पुरुषों के खिलाफ झूठे मुकदमों का चलन बढ़ता जा रहा है। शादी के बाद छोटे-मोटे झगड़ों को बड़ी साजिशों में बदल देना एक नया "हथियार" बन चुका है।

लेकिन कोई नहीं पूछता कि अगर पुरुष निर्दोष हो, तो उसका क्या?

जितेंद्र जैसे हज़ारों पुरुष देशभर में फँसे हैं — कुछ ज़िंदा हैं, कुछ चुप हैं... और कुछ अब हमारे बीच नहीं हैं।


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📢 अंतिम शब्द:

> "मैं निर्दोष हूं, लेकिन अपने परिवार को बचाने के लिए ये फैसला ले रहा हूं..."
– जितेंद्र कुमार (सुसाइड नोट से)



इन शब्दों को पढ़कर कोई भी इंसान कांप जाए।
क्या अब भी हम यही सोचते रहेंगे कि पुरुष हमेशा दोषी होता है?


Tuesday, May 27, 2025

भांजा या आशिक? – उन्नाव की उस औरत की कहानी जो रिश्तों की सारी हदें तोड़ गई

भांजा या आशिक? – उन्नाव की उस औरत की कहानी जो रिश्तों की सारी हदें तोड़ गई


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✍️ लेखक: Sushant Patil Storyteller


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🔥 एक मां... छह बच्चे... और एक फैसला जिसने सब कुछ बदल दिया

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई — एक 44 वर्षीय महिला, जो छह बच्चों की मां है, अपने ही 22 वर्षीय भांजे के साथ घर छोड़कर फरार हो गई।

मां ने अपने पीछे क्या छोड़ा?

छह मासूम बच्चे

एक टूटा हुआ परिवार

और एक पति जो अब खुद से यही सवाल कर रहा है — "मैंने क्या कमी रखी थी?"



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👩‍👦 रिश्ता: मामी और भांजा या... कुछ और?

जो लड़का बचपन से इस महिला को "मामी" कहकर पुकारता था, वही अब उसका प्रेमी बन गया।

घरवालों को शक तो था, लेकिन किसी ने इतनी बड़ी नैतिक गिरावट की कल्पना नहीं की थी।
महिला ने जाते समय सिर्फ भांजा ही नहीं, घर के जेवरात और पैसे भी साथ ले लिए।


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🧠 प्यार या पागलपन?

इस रिश्ते को समाज क्या नाम देगा?
प्यार...?
अफेयर...?
या फिर एक मानसिक भ्रम, जो एक औरत को रिश्तों की सभी सीमाएं पार करवा गया?

कुछ लोगों का मानना है कि महिला अपने वैवाहिक जीवन से दुखी थी। लेकिन क्या यह वजह इतनी बड़ी थी कि वह अपने बच्चों को भी छोड़ दे?


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🕵️‍♂️ पति की शिकायत, पुलिस की कार्रवाई

महिला के पति ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन "इश्क के भगोड़े" अब तक लापता हैं।
पुलिस का मानना है कि दोनों ने किसी दूसरे राज्य में शरण ली हो सकती है।


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👁️ सवाल जो अब भी बाकी हैं...

क्या मां को अपने बच्चों की याद नहीं आई?

क्या भांजे को शर्म नहीं आई, जो अपनी ही मामी के साथ भाग गया?

और सबसे अहम — क्या समाज ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कुछ कर सकता है?



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📌 Sushant Patil की राय

रिश्ते जब अपनी मर्यादा खो देते हैं, तब समाज की नींव हिलती है।
यह सिर्फ एक कहानी नहीं, यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक चेतावनी है —
"प्यार जरूरी है, लेकिन सीमाएं और समझदारी उससे भी ज्यादा जरूरी।"


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झूठे रे* केस ने इस बेकसूर आदमी की ज़िंदगी तबाह कर दी – जानिए गोपाल शेटे की पूरी कहानी

झूठे रे* केस ने इस बेकसूर आदमी की ज़िंदगी तबाह कर दी – जानिए गोपाल शेटे की पूरी कहानी
Writer : Sushant Patil Storyteller
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परिचय:
भारत में झूठे मामलों का असर केवल कोर्ट में नहीं बल्कि इंसान की पूरी ज़िंदगी पर होता है।
गोपाल शेटे की कहानी इसका सबसे खौफनाक उदाहरण है। एक आम आदमी, जिसे बिना किसी सबूत के 7 साल तक जेल में सड़ाया गया।


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1. कौन था गोपाल शेटे?

गोपाल शेटे, मुंबई का एक आम नागरिक था।
पिता का सहारा, दो बेटियों का पिता — एक सामान्य ज़िंदगी जी रहा था। लेकिन 2009 में एक घटना ने सब कुछ बदल दिया।


2. झूठे रेप केस की शुरुआत

29 जुलाई 2009 को एक महिला ने पुलिस को बताया कि उसके साथ रेप हुआ।
उसने आरोपी का नाम सिर्फ़ “गोपी” बताया।
पुलिस ने बिना पुख्ता जांच किए, सीधे गोपाल शेटे को गिरफ्तार कर लिया। न डीएनए रिपोर्ट, न गवाह, न CCTV – फिर भी उस पर रेप का केस दर्ज हो गया।



3. सजा और ज़िंदगी की बर्बादी

2010 में कोर्ट ने गोपाल को 7 साल की सजा सुनाई।
इस दौरान:

पत्नी ने साथ छोड़ दिया और दूसरी शादी कर ली

बेटियों को अनाथालय में भेज दिया गया

बूढ़े पिता सदमे से चल बसे


गोपाल जेल में हर रोज़ मरता रहा।



4. बेगुनाही साबित, लेकिन सब खत्म

2015 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा – गोपाल निर्दोष है।
लेकिन तब तक वो 7 साल जेल में काट चुका था।
कोई माफ़ी नहीं, कोई मुआवज़ा नहीं। सबकुछ बर्बाद हो चुका था।


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5. ₹200 करोड़ का मुआवज़ा और सरकार की खामोशी

गोपाल ने महाराष्ट्र सरकार से ₹200 करोड़ का मुआवज़ा मांगा — मानसिक, आर्थिक और सामाजिक नुकसान के लिए।
लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी।
सरकार ने भी कोई जवाब नहीं दिया।


6. आखिरी शब्द: “मुझे मरने की इजाज़त दो”

न्याय नहीं मिला, ज़िंदगी वापस नहीं मिली…
गोपाल ने कहा – “अब मुझे जीने का नहीं, मरने का हक़ चाहिए।”


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निष्कर्ष:

गोपाल शेटे का केस हमें यह याद दिलाता है कि झूठे आरोप सिर्फ कानून का मज़ाक नहीं उड़ाते — वे किसी की पूरी ज़िंदगी बर्बाद कर सकते हैं।
क्या अब वक्त नहीं आ गया कि ऐसे मामलों के खिलाफ आवाज़ उठाई जाए?

Sunday, May 25, 2025

शादी के वक्त दुल्हन ने किया चौकाने वाला खुलासा, शादी रुकते ही मचा हड़कंप

लेखक : Sushant Patil Storyteller

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शादी के वक्त दुल्हन ने किया चौकाने वाला खुलासा, शादी रुकते ही मचा हड़कंप





कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। शादी के ठीक मौके पर दुल्हन ने अपनी मंगेतर के सामने शादी रुकवा दी और एक बड़ा खुलासा कर दिया, जिसने सबको हैरान कर दिया।

दुल्हन का सच - “मैं किसी और से प्यार करती हूँ”

चिक्कबायलादकेरे गांव में हुई इस शादी के दौरान, जैसे ही दूल्हा मंगळसूत्र बांधने वाला था, दुल्हन ने अचानक शादी रुकवा दी। उसने कहा कि वह इस शादी के लिए तैयार नहीं है क्योंकि वह किसी और से प्यार करती है। इस बात को सुनकर दोनों परिवारों में हड़कंप मच गया।

परिवार और समाज के दबाव में बनी जद्दोजहद

दूल्हे के परिवार ने बताया कि वे दुल्हन की पढ़ाई जारी रखने की शर्त पर शादी को मानने को तैयार थे और दुल्हन की बीसीए में दाखिले के लिए 50,000 रुपये भी दे चुके थे। बावजूद इसके दुल्हन ने अपने मन की सुनी और पुलिस को बुलाकर शादी रुकवा दी।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

यह पूरा नजारा मोबाइल कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो को देखकर लोग दुल्हन की हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इस मुद्दे पर परिवार और सामाजिक दबाव पर सवाल उठा रहे हैं।

क्या कहती है यह घटना?

यह घटना हमारे समाज में अब भी मौजूद शादी के पारंपरिक नियमों और व्यक्तिगत आज़ादी के बीच संघर्ष को उजागर करती है। कई बार लड़कियां अपने मन की बात कहने से डरती हैं, लेकिन इस बार दुल्हन ने साफ शब्दों में अपनी पसंद का इज़हार किया।

निष्कर्ष

यह मामला सोचने पर मजबूर करता है कि शादी में दोनों पक्षों की सहमति कितनी जरूरी है। जब तक प्यार और समझौते के बिना शादी होगी, तब तक ऐसे विवाद खड़े होंगे। हमारी जिम्मेदारी है कि हम व्यक्तिगत आज़ादी का सम्मान करें और जबरदस्ती की शादी के खिलाफ आवाज उठाएं।





Saturday, May 24, 2025

हेडलाइन: स्कूल की प्रिंसिपल निकली हत्यारी – पति को ज़हर देकर मारा, छात्रों से जलवाया श*!

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हेडलाइन: स्कूल की प्रिंसिपल निकली हत्यारी – पति को ज़हर देकर मारा, छात्रों से जलवाया शव!

स्थान: यवतमाल, महाराष्ट्र
मुख्य आरोपी: निधि देशमुख (स्कूल प्रिंसिपल)
पीड़ित: शांतनु देशमुख (पति)


पूरा मामला – सीधे तथ्य:

13 मई 2024 को यवतमाल जिले में एक खौफनाक वारदात सामने आई।
निधि देशमुख, जो कि एक स्कूल की प्रिंसिपल है, ने अपने ही पति शांतनु को मखानों में नींद की गोलियाँ मिलाकर ज़हर दे दिया।

जब शांतनु बेहोश हो गया, तब निधि ने तीन नाबालिग छात्रों को घर बुलाया।
उनके साथ मिलकर शांतनु के शव को प्लास्टिक में लपेटा और जंगल में ले जाकर जलाने की कोशिश की।


पुलिस जांच में खुलासा:

  • शव जंगल में अधजली हालत में मिला।
  • पुलिस ने मोबाइल कॉल डिटेल्स और चैट्स के आधार पर जांच शुरू की।
  • निधि के मोबाइल में अफेयर के सबूत और हत्या की पूरी योजना मिली।
  • तीनों छात्रों की भी बातचीत रिकॉर्ड में सामने आई।

निधि देशमुख ने किया गुनाह कबूल:

पुलिस हिरासत में निधि ने हत्या की बात स्वीकार कर ली।
उसने कहा – "मुझे अपने पति से छुटकारा चाहिए था… और किसी को मुझ पर शक नहीं होता क्योंकि मैं एक शिक्षिका हूं।"


वर्तमान स्थिति:

  • निधि देशमुख जेल में है।
  • तीनों नाबालिग छात्रों को सुधार गृह भेजा गया है।
  • पुलिस ने हत्या, साजिश और सबूत मिटाने के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

निष्कर्ष:

ये मामला सिर्फ हत्या नहीं है, बल्कि विश्वास और नैतिकता का भी खून है।
एक शिक्षिका ने जिस तरह से अपने छात्रों को इस जुर्म में घसीटा, वह और भी भयावह है।


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लेखक:
Sushant Patil Storyteller – Real Crime कहानियों का भरोसेमंद नाम
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अवैध रिश्ते का खौफनाक अंजाम: पति की गला दबाकर ह*, बनाया आत्म*त्या का ड्रामा!

🩸अवैध रिश्ते का खौफनाक अंजाम: पति की गला दबाकर ह*, बनाया आत्म*त्या का ड्रामा!  📍 स्थान: अमलिया गांव, फलासिया थाना क्षेत्र, राजस्थान ✍️ लेख...